Friday, November 16, 2007

टेराकोटा मंदिर विष्णुपुर













































हम लोग 3 नवम्बर २००७ को चित्तरंजन से विष्णुपुर घूमने गए । यह ऐतिहासिक जगह चित्तरंजन से १४० कि.मी. है आसनसोल से बाँकुरा तक सड़क अच्छी है मगर उसके आगे २० कि.मी.सड़क खराब है। इस लिए हमें वाहन पहुँचने में ३ घंटे लगे । विष्णुपुर में साउथ इस्टर्न व इस्टर्न रेलवे का अच्छा रेस्ट हॉउस है । वाहन कुछ आराम करने के बाद हम लोग टेराकोटा मंदिर देखने निकले। हमने साथ में एक लोकल गाइड ले लिया था वर्ना सारे मंदिर देखने में बहुत समय लगता ।


सभी मंदिर ए.डी.१६०० के लगभग तत्कालिन राजा वीर हमीर तथा मल्ला राजा रघुनाथ सिंह ने बनवाये थे । इनकी टेराकोटा की बनी दीवारों पर की गई कारीगरी हर किसी को हतप्रभ करती हैं । इतने सालों बाद भी इन कला के अद्वितीय नमूनों को देख कर उस समय की सम्रध कला का एहसास होता है । यदि आप पश्चिम बंगाल जाएँ तो विष्णुपुर जाना नहीं भूलें ।


वहाँ पहुँचने के लिए आसनसोल से रानीगंज होते हुए सड़क मार्ग से ११० कि मी दूरी है ।


विष्णुपुर की यात्रा वहाँ की बनी सिल्क की साड़ी जिसके बॉर्डर पर महाभारत व रामायण की कथा के चित्र बने होते हैं खरीदे बिना अधूरी रहेगी । कारीगरों को लूम पर साड़ी बनाते हुए भी आप देख सकते हैं ।